हमारे बारे में

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, में 2006 से जैविक खेती के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए कार्य किया जा रहा हैं। वर्तमान में जैविक खेती पर अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना (2015), जैविक खेती पर अग्रिम संकाय प्रशिक्षण केंद्र (2017), जैविक खेती में जैविक आदान उत्पादन एवं उत्पादन तकनीकियों का विकास (2017-18) एवं कृषि में सिलिका का उपयोग (2018-19) के तहत जैविक खेती से सम्बंधित कार्य किये जा रहे है। विभिन्न  13 फसलों (खरीफ में मक्का,सोयाबीन,उड़द और तिल एवं रबी में गेहूँ (चपाती), गेहूँ (काठा), चना, काबुली चना,मेथी,जीरा,धनिया आदि) की जैविक खेती के लिए पैकेज एवं प्रैक्टिस विकसित की गई है। जैविक खेती पर अनुसंधान के माध्यम से 59 प्रौद्योगिकियों को राज्य के पैकेज एवं प्रैक्टिस में शामिल किया गया है और अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण सहायता के माध्यम से देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने को मजबूत किया गया है। भारत और राजस्थान सरकार की विभिन्न प्रायोजित कार्यक्रमों के तहत किसानों को खेत पर जैविक कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों के विस्तार कार्यकर्ताओं, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्योगपति और अन्य हितधारकों को हमारे अनुसंधान और विकास कार्य दिखाए गए हैं।जैविक कृषि पर उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आज तक भारत के 11 विभिन्न राज्यों के 28 विषयों के 164 वैज्ञानिकों / शिक्षकों के लिए 21 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।  इस मोबाइल एप द्वारा जैविक खेती से सम्बंधित वस्तुस्थिति, पैकेज ऑफ़ प्रैक्टिसेज, अनुसन्धान, नई तकनीकों, प्रमाणीकरण, मार्केटिंग तथा अन्य नवाचार सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराई जायेंगी जो किसानो, व्यापारियों, शोधकर्ताओं, उद्योगों और नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी साबित होगी।

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