प्रमाणित जैविक खेती

प्रमाणित जैविक कृषि में जैविक’ शब्द एक लेबलिंग’ मानक है जो यह दर्शाता है कि मान्यता प्राप्त संस्थाओं के द्वारा जैविक कृषि के स्वीकृत फसल उत्पादन अथवा प्रसंस्करण प्रणाली सम्बन्धित निर्धारित मानकों का उत्पादनकर्ता द्वारा पूरी तरह से पालन किया गया है। प्रमाणीकृत जैविक कृषि के तहत एक फार्म या भू-भाग के जैविक प्रमाणीकरण के लिए प्रार्थी या उत्पादक को जैविक मानकों का चरणबद्ध तरीके से अनुसरण करना होता है। जैविक खेती प्रमाणन का कार्य एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही मान्य होता है, जिसमें भारत सरकार द्वारा तय मानकों ‘‘राष्ट्रीय जैविक उत्पादन मानक‘‘ (एन.एस.ओ.पी.) के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करनी होती है। ये मानक मुख्यतः निम्न बातों को ध्यान में रखकर बनाये गये हैं-

  • संश्लेषित रासायनिक कृषि आदानों जैसे उर्वरक, कीटनाशक तथा रोगनाशक पदार्थों के प्रयोग का कृषि उत्पादन में प्रतिबन्ध।
  • ऐसे फार्मों या भूमि का उत्पादन में उपयोग जो पिछले कम से कम 2 या 3 वर्षों तक रसायनों से मुक्त रहा है।
  • जैविक उत्पादों का अप्रमाणित उत्पादों से भौतिक रूप से पृथक्करण बनाये रखना।

समय-समय पर ऐसे फर्मों/उत्पादन इकाईयों का प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निरीक्षण व अंकेक्षण कार्य।

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